🌞~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक -18 जुलाई 2024
🌤️ दिन - गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - वर्षा ॠतु
🌤️ मास - आषाढ
🌤️ पक्ष - शुक्ल
🌤️ तिथि - द्वादशी रात्रि 08:44 थक तक तत्पश्चात त्रयोदशी
🌤️ नक्षत्र - ज्येष्ठा 19 जुलाई रात्रि 03:25 तक तत्पश्चात मूल
🌤️ योग - शुक्ल सुबह 06:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म
🌤️ राहुकाल - दोपहर 02:24 से शाम 04:04 तक
🌞 सूर्योदय-06:08
🌤️ सूर्यास्त- 19:21
👉 दिशाशूल - दक्षिण दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत
💥 विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 सरल प्रयोग 🌷
👉🏻 वर्षाऋतूजन्य व्याधियों से रक्षा व रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने हेतु गोमूत्र सर्वोपरि है | सूर्योदय से पूर्व ४० से ५० मि.ली. ताजा गोमूत्र कपडे से ७ बार छानकर पीने से अथवा २५ से ३० मि.ली. गोझरण अर्क पानी में मिलाकर पीने से शरीर के सभी अंगों की शुद्धि होकर ताजगी, स्फूर्ति व कार्यक्षमता में वृद्धी होती है |
👉🏻 दूध में सोंठ चूर्ण मिलाकर सेवन करने से ह्रदयगत पीड़ा का नाश होता है |
👉🏻 त्रिमधुर (शर्करा, गुड़ व शहद ) में डुबोई हुई दूर्वा का गायत्री मंत्र से हवन करने पर मनुष्य सब रोगों से छुट जाता है | (अग्नि पुराण: २८०.५ )
🙏🏻 लोककल्याण सेतु – जून - 2014
🌞~वैदिक पंचांग ~🌞
🌷 प्रदोष व्रत 🌷
🙏🏻 हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 18 जुलाई, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
👉🏻 ऐसे करें व्रत व पूजा
🙏🏻 - प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
🙏🏻 - इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
🙏🏻 पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*j
🙏🏻 - भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
🙏🏻 - भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
👉🏻 ये उपाय करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
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